दक्षिण पश्चिम मॉनसून लगातार आगे बढ़ रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD की मौसम वैज्ञानिक सोमा सेन रॉय ने बताया है कि मॉनसून आने वाले दिनों में आगे बढ़ेगा. यह फ़िलहाल महाराष्ट्र और गुजरात में दस्तक दे चुका है और धीरे-धीरे छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल, झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों की तरफ़ अगले चार से पांच दिनों में बढ़ने की संभावना है. उन्होंने कहा, देश के उत्तर पूर्व हिस्से में भी बारिश का रेड अलर्ट है. अगले 4-5 दिनों के लिए इस हिस्से में भारी बारिश होगी. वहां मॉनसून ने दस्तक दे दी है और ज़ोरदार बारिश हो रही है.
सोमा सेन ने कहा, फ़िलहाल मॉनसून अभी कहीं भी कमज़ोर पड़ता नहीं दिख रहा है क्योंकि जब तक पूरा देश कवर नहीं होता तब तक कमज़ोर नहीं पड़ेगा. दिल्ली में अभी मॉनसून के जल्दी आने की कोई संभावना नहीं है. गर्मी की बात करें तो दिल्ली में मंगलवार को रेड अलर्ट है, लेकिन दो से तीन दिनों के बाद तापमान थोड़ा कम होगा. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते दिल्ली का मौसम बदलेगा. धूल भरी आंधी के साथ हल्की प्री मॉनसून बारिश हो सकती है.
पंजाब, हरियाणा में भी अगले दो दिन बाद रेड अलर्ट हटा दिया जाएगा क्योंकि अरब सागर से आने वाली हवाओं के बाद तापमान कम होगा. पहाड़ी इलाकों में भी अभी लू से गंभीर लू चल रही है, लेकिन एक दो दिन बाद वहां भी येलो अलर्ट कर दिया जाएगा और तापमान में कमी आएगी.
हिमाचल प्रदेश का मौसम
हिमाचल में बढ़ते तापमान और कम बारिश होने से पहाड़ों पर जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है. ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शिमला शहर में भी लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. गर्मी बढ़ने और बरसात न होने से जल स्रोतों में पानी घट गया है. ऐसे में शिमला में पानी की क़िल्लत पेश आ रही है. शहर के कई इलाकों में चार-पांच दिनों के बाद पानी की सप्लाई दी जा रही है जिससे शहर के लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
इसके अलावा शहर के उपनगरों में लोग पांच दिनों से पानी का इंतजार कर रहे हैं. शिमला शहर के लिए रोजाना 40 एम एल डी पानी चाहिए होता है, लेकिन इन दिनों 30 एम एल डी पानी ही उपलब्ध हो पा रहा है. इससे शहर में जल संकट जैसे हालात बन गए हैं.
शिमला शहर के लोगों का कहना है कि हर साल गर्मी के मौसम में ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं. नगर निगम शिमला शहर में 24 घंटे पानी देने का दावा करता है, लेकिन हर बार ये सभी दावे हवा हो जाते हैं. यही नहीं शहर के साथ-साथ शिमला के साथ लगते ग्रामीण इलाकों में भी कुछ इसी तरह के हालात बने हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कई कई हफ्तों तक पानी नहीं मिल रहा है. हालांकि शिमला जल प्रबंधन निगम का दावा है कि शहर में 2 दिन बाद पानी की सप्लाई आएगी.
वहीं शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि लोगों को तीसरे चौथे दिन पानी दिया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से पड़ रही भयंकर गर्मी के कारण जल परियोजनाओं में पानी का स्तर कम हो गया है. अगले साल तक सतलुज से शिमला में पानी आ जाएगा तो पानी की समस्या काफ़ी हद तक कम हो जाएगी. इसके आलावा शिमला के शौचालय में भी पीने का ही पानी उपयोग में लाया जाता है. इस पर भी नगर निगम अलग से पाइप बिछाने की योजना बना रहा है.