Saturday, November 9, 2024
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मॉनसून आने से पहले ही सब्जियां महंगी, दोगुनी हुई लौकी की कीमत, जानें आलू, टमाटर, प्याज का रेट

मॉनसून आने से पहले ही पंजाब के लुधियाना में प्याज से लेकर हरी सब्जियां तक महंगी हो गई हैं. महंगाई का आलम यह है कि दो हफ्ते पहले तक थोक मार्केट में जो प्याज 18 रुपये किलो था अब उसका रेट 30 रुपये हो गया है. इसी तरह आलू की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है. पिछले हफ़्ते तक आलू के 50 किलो का बैग 600 में मिल रहा था, अब उसका रेट 1,000 से ज़्यादा हो गया है. वहीं, टमाटर की कीमत भी क्वालिटी और किस्म के हिसाब से हफ़्ते भर में 20 से 30 रुपये तक बढ़ गई है.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह 17 से 18 रुपये में बिकने वाली भिंडी का रेट 25 रुपये हो गया है. इसी तरह लौकी की कीमत पिछले सप्ताह 18 रुपये के मुकाबले बढ़कर 40 रुपये प्रति किलो हो गई है. शिमला मिर्च की भी यही स्थिति है, जिसकी कीमत इसी अवधि में 20 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 36 रुपये प्रति किलो हो गई है. पिछले सप्ताह तक 200 रुपये प्रति किलो बिकने वाला लहसुन अब 250 रुपये पर पहुंच गया है.

इस वजह से बढ़ी कीमतें

बाजार में सामान खरीद रही 40 वर्षीय गृहिणी रितु ने कहा कि हमने पहले भी प्याज के दाम 100 रुपये प्रति किलो से ऊपर जाते देखे हैं. जिस तरह से कीमतें इतनी तेजी से बढ़ रही हैं, उससे लगता है कि जल्द ही ऐसी ही स्थिति बन सकती है. मंडी में थोक विक्रेताओं का कहना है कि कीमतें और बढ़ने की संभावना है. एक व्यापारी ने बताया कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ता गया, उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा और मांग जस की तस बनी रही. इससे कीमतें बढ़ती गईं.

खीरा भी हुआ महंगा

मंडी के थोक विक्रेता रचिन अरोड़ा ने बताया कि औसतन हर सब्जी के दाम में कम से कम 15 रुपये प्रति किलो की दर से बढ़ोतरी हुई है. पुरानी सब्जी मंडी में दुकान चलाने वाले वीरेंद्र कुमार ने बताया कि थोक दाम तो बढ़ गए हैं, लेकिन ग्राहक छूट पर जोर दे रहे हैं, जिससे उनका मुनाफा कम हो गया है. मैं पिछले हफ्ते खीरा 12 रुपये प्रति किलो खरीदकर 20 रुपये में बेच रहा था. अब मुझे इसकी कीमत 20 रुपये प्रति किलो पड़ रही है और ग्राहक 25 रुपये से ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं.

क्या कहते हैं व्यापारी

थोक विक्रेताओं के मुताबिक, शहर भर में खुदरा कीमतों पर सब्जियां बेचने वाले विक्रेता सब्जी के हिसाब से 5 से 15 रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. इससे आम लोगों की जेब पर और बोझ बढ़ रहा है. प्रवासी मज़दूर संदीप ने दुख जताते हुए कहा कि इस गर्मी में मज़दूरी के लिए बाहर जाना बहुत मुश्किल है. आधे दिन की मज़दूरी के बदले में मुश्किल से 200 से 300 रुपये मिल पाते हैं. और जब सब्ज़ियों के दाम लगभग दोगुने हो गए हैं, तो मेरे जैसे ग़रीब आदमी को अपने परिवार का पेट भरना मुश्किल हो गया है.

 

Bhumika

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