देश में नई सरकार जून के आखिरी सप्ताह तक अपना आकार ले लेगी. मसलन, प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण के साथ ही केंद्रीय कैबिनेट भी गठित होने की उम्मीद है. इसके साथ ही नई सरकार का 100 दिन का एजेंडा भी सेट होने की संंभावनाएं हैं. मसलन, किसी भी सरकार का पहले 100 दिन के कार्यकाल की समीक्षा से उसके 5 साल के एजेंडे को समझने में मदद मिलती है.
मतलब, नई सरकार का पहले 100 दिनी कार्यकाल ‘पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं’ वाली कहावत को चरितार्थ करता है. ऐसे में इस बार भी नई सरकार के पहले 100 दिन के एजेंडे पर सबकी नजर होगी, जिसमें पीएम किसान याेजना को लेकर कोई बड़ी घोषणा होने की उम्मीद दिखाई दे रही है. जिसके तहत उम्मीद लगाई जा रही है कि नई सरकार में पीएम किसान सम्मान निधि योजना नया रूप ले सकती है.
साथ ही ये भी ये भी कहा जा रहा है कि नई सरकार में पीएम किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि नई सरकार के पहले 100 दिन के एजेंडे में पीएम किसान सम्मान निधि शामिल दिखाई पड़ रही है. आइए समझते हैं कि पूरा मामला क्या है.
PM Kisan योजना का मूल्यांकन कराने जा रही सरकार
नई सरकार में पीएम किसान योजना नए रूप में आएगी, इसको लेकर अटकलों का बाजार इस वजह से गर्म है, क्योंकि नीति आयोग ने पीएम किसान योजना का मूल्यांकन कराने का फैसला किया है. इसके लिए नीति आयोग के विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ) ने संबंधित एजेंसियों से मूल्यांकन के लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल मांगा है. साथ ही डीएमईओ ने मूल्यांकन का कार्यक्रम भी जारी किया है, जिसके तहत 29 जुलाई तक मूल्यांकन के लिए एजेंसियों को काम आंवटित कर दिया जाएगा. मूल्यांकन के लिए 90 दिनों का समय निर्धारित किया गया है.
कहां होगा पीएम किसान योजना का मूल्यांकन
पीएम किसान योजना को मोदी सरकार ने फरवरी 2019 में शुरू किया था, जो केंद्र सरकार की किसानों के लिए प्रमुख डीबीटी योजना है. जिसके तहत किसानों के बैंक खातों में सालाना 6 हजार रुपये सीधे भेजे जाते हैं. अब 5 साल पूरे होने पर इस योजना के मूल्यांकन की कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके तहत देश के 24 राज्याें 5000 किसान परिवारों का सर्वे किया जाएगा.
इन 24 राज्यों में यूपी, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, वेस्ट बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, तेलांगना, केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, पंंजाब, असम, जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय और गोवा शामिल हैं. नीति आयोग की तरफ से जारी रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल में कहा गया है कि इस सूची में पहले 17 राज्यों में पीएम किसान योजना के लाभार्थी किसानों की संख्या 95 फीसदी हैं.
क्या योजना अपना लक्ष्य पूरा कर पाई!
पीएम किसान योजना का मूल्यांकन नीति आयोग करने जा रहा है. नीति आयोग ने मूल्यांकन के उद्देश्य की जानकारी भी अपने रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल में दी है, जिसके अनुसार योजना अपने लक्ष्य को पूरा कर पाई या नहीं और योजना के क्रियान्वयन का आंकलन के बिंदुओं पर योजना का मूल्यांकन किया जाएगा.
योजना किस हद तक फसल विविधीकरण, भंडारण, बाजार पहुंच, अन्य घरेलू जरूरतों में योगदान, साहूकारों पर निर्भरता को कम करने में किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा कर पाई, इन पैरामीटरों पर मूल्यांकन किया जाएगा. इसके साथ ही किसानों की इनकम पर पीएम किसान याेजना का प्रभाव का भी अध्ययन करेगी. इसी तरह योजना के तहत किसानों के नामांकन में सुधार के लिए विभिन्न राज्य पहलों का अध्ययन करना, किश्तों के वितरण और शिकायत निवारण की समयबद्धता का अध्ययन किया जाएगा. ये महत्वपूर्ण है कि इसके मूल्यांकन के लिए पीएम किसान योजना की संदर्भ अवधि 2020-21 से 2023-24 तक निर्धारित की गई है.