Saturday, November 9, 2024
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बिहार के दस हजार गांवों में होगा डिजिटल क्रॉप सर्वे, उपज का मिलेगा सटीक आंकड़ा….

किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके, साथ ही राज्य के किस एरिया में कौन सी फसल की खेती हो रही है, ये सभी जानकारी अब ऑनलाइन होगी. इसको लेकर भारत सरकार डिजिटल क्रॉप सर्वे करा रही है जिसके तहत मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना के कृषि भवन में एग्रीस्टेक (डिजिटल क्रॉप सर्वे) विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि किसानों के हित में एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है, जिस पर किसानों को खेती से जुड़े सभी विवरण आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे. इसमें खेत का विवरण, खेत में उगाई जा रही फसल का विवरण, खेत का रकबा आदि की पूरी जानकारी मौजूद रहेगी. इससे किसानों को सरकार द्वारा पारदर्शी तरीके से तेज गति से योजनाओं का लाभ दिया जा सकेगा.

बता दें कि बिहार में पिछले रबी फसल मौसम से ही डिजिटल क्रॉप सर्वें का काम 20 जिलों में कराया जा रहा है. वहीं केंद्र सरकार आने वाले दिनों में 400 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराएगी. अगले 03 वर्षों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा. इसका उद्देश्य किसान और किसानों की भूमि से संबंधित आंकड़ों को जुटाना है.

खरीफ सीजन में 28 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे

कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि पिछले रबी फसल मौसम में 20 जिलों के 2069 गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया गया था. वहीं इस खरीफ फसल मौसम में राज्य के 28 जिलों के 10,000 गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने का लक्ष्य रखा गया है. आगे उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से किसानों के खेत में वास्तविक रूप से उगाए जा रहे फसल का विवरण और क्षेत्रफल का डेटाबेस तैयार किया जाएगा. इससे फसल की खेती और उत्पादन का सटीक आंकड़ा प्राप्त किया जाएगा. वहीं प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला के दूसरे दिन 28 जिलों के जिला स्तरीय पदाधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

सरकार की इन योजनाओं का मिलेगा लाभ

डिजिटल क्रॉप सर्वे होने से खेत का विवरण, खेत में उगाई जा रही फसल का विवरण, खेत का रकबा आदि की पूरी जानकारी मौजूद रहेगी. दूसरी ओर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ भी आसानी से मिल सकेगा. जैसे पीएम किसान सम्मान निधि, केसीसी की स्वीकृति, फसलों की खरीद, फसल क्षति का मुआवजा का भुगतान आदि. इन कार्यों में एग्रीस्टेक के माध्यम से समय पर निर्णय लिया जा सकेगा.

पटना के कृषि भवन में आयोजित दो दिवसीय एग्रीस्टेक (डिजिटल क्रॉप सर्वे) प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला के दौरान कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पदाधिकारी और सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित तकनीकी विशेषज्ञ उपस्थित रहे. वहीं भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के डिजिटल क्रॉप सर्वें के परामर्शी महेश बोकाड़े और तकनीकी विशेषज्ञ कृति कुमारी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से एग्रीस्टेक (डिजिटल क्रॉप सर्वे) की विशेषताओं के बारे में बताया. उन्होंने तकनीकी सत्र के दौरान एग्रीस्टेक ऐप और वेबपोर्टल के बारे में विस्तृत जानकारी दी.

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