Thursday, November 21, 2024
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बारिश से पहले ट्रैक्टर की बिक्री में जबर्दस्त उछाल, मई में 120 फीसद तक दिखी तेजी

गुजरात में मॉनसून की दस्तक से पहले ही कृषि कार्य में उपयोग आने वाले ट्रैक्टरों की बिक्री में बहुत अधिक वृद्धि आई है. हालांकि, जानकारों का कहना है कि ट्रक्टरों की बिक्री में ये वृद्धि सब्सिडी के कारण आई है. राज्य सरकार अभी खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए कृषि उपकरणों की खरीद पर किसानों को अनुदान दे रही है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, मई 2024 में ट्रैक्टरों की बिक्री दोगुनी होकर 4,675 इकाई हो गई, जो मई 2023 में 2,128 इकाई थी. यानी ट्रैक्टरों की बिक्री में 119.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग विशेषज्ञ इस वृद्धि का श्रेय खरीफ सीजन की शुरुआत और मॉनसून के अनुमानित आगमन को देते हैं. इस बार, IMD ने बेहतर मॉनसून की भविष्यवाणी की है. खास बात यह है कि इस बार अभी तक बेमौसम बारिश भी अधिक नहीं हुई है, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचे. उद्योग विशेषज्ञ के मुताबिक, इसने सामूहिक रूप से ट्रैक्टर खरीद को बढ़ावा दिया है. किसान लगातार मशीनीकरण की ओर बढ़ रहे हैं, जैसा कि साल दर साल बढ़ती ट्रैक्टर बिक्री में साफ दिखता है.

इस वजह से बढ़ी ट्रैक्टरों की मांग

FADA के गुजरात चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष प्रणव शाह ने बताया कि हम आने वाले दिनों में मजबूत मांग जारी रहने की उम्मीद करते हैं. किसानों को मसाले और अन्य गर्मियों की फसलों से अच्छी कमाई का फायदा हुआ है, जिससे मांग में वृद्धि हुई है. उच्च कृषि आय और तेजी से सब्सिडी प्रसंस्करण ने बिक्री को काफी हद तक बढ़ावा दिया है. भूमि के घटते आकार ने 35-40 हॉर्स पावर वाले छोटे ट्रैक्टरों की मांग को भी बढ़ा दिया है. नाम न बताने की शर्त पर एक कृषि अधिकारी ने कहा कि इस साल ट्रैक्टरों की बिक्री उम्मीद से ज़्यादा रही, जिसका मुख्य कारण रबी और खरीफ की सफल फसलें हैं.

छोटे किसान भी कर रहे हैं ट्रैक्टरों में निवेश

राज्य कृषि विभाग के एक सूत्र ने कहा कि किसान मॉनसून से पहले ट्रैक्टर खरीद रहे हैं, जिसमें छोटे ट्रैक्टरों को प्राथमिकता दी जा रही है. ट्रैक्टरों के लिए सब्सिडी के आवेदनों को तुरंत मंज़ूरी दी जा रही है, चाहे वह कृषि विभाग से हो या बागवानी विभाग से. उन्होंने कहा कि कम आय के समय में, किसानों के समूह ट्रैक्टर खरीदने के लिए संसाधनों को इकट्ठा करते थे. अब, छोटी इकाइयों के लिए सब्सिडी के साथ, छोटे किसान भी ट्रैक्टरों में निवेश कर रहे हैं, जिससे मांग बढ़ रही है.

Bhumika

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