भारत के कई राज्यों में तापमान लगातार बढ़ रहा है. जिसके कारण न सिर्फ इंसानों को बल्कि पशुओं को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बढ़ती गर्मी को देखते हुए केरल में जानवरों के लिए एक खास योजना शुरू की गई है. बढ़ते तापमान को देखते हुए अप्रैल और मई के लिए शुरू की गई नई योजना में लगभग 25,000 जानवरों को बीमा कवर मिला. ईआरसीएमपीयू के अध्यक्ष एमटी जयन ने गुरुवार को कहा कि प्रति डेयरी यूनिट में जानवरों की औसत संख्या को ध्यान में रखते हुए, लगभग 10,000 किसान शामिल हो सकते हैं. यह योजना त्रिशूर, एर्नाकुलम, कोट्टायम और इडुक्की जिलों के किसानों के लिए खोली गई थी, जो क्षेत्रीय सहकारी समिति के अंतर्गत आते हैं. इस क्षेत्र में लगभग 1,000 डेयरी सहकारी समितियां हैं.
99 रुपये का भरना होगा प्रीमियम
आपको बता दें इस बीमा का लाभ उठाने के लिए किसानों को 99 रुपये का प्रीमियम प्रति पशु के हिसाब से जमा करना होगा. इसमें से 50 रुपये का भुगतान क्षेत्रीय सहकारी द्वारा और 49 रुपये का भुगतान लाभार्थियों द्वारा किया जाएगा. बीमा कवर की राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी जाती है.
गर्मी से पशु उत्पादन में आ रही गिरावट
इस बीच, बढ़ते तापमान का पशुओं के सामान्य स्वास्थ्य के साथ-साथ दूध उत्पादन पर भी सीधा प्रभाव पड़ा है. जयन ने कहा कि क्षेत्र में दूध की खरीद प्रतिदिन लगभग एक लाख लीटर कम हो गई है. राज्य भर में कुल मिलाकर 20% की कमी है, जो सामान्य स्तर से प्रतिदिन कम से कम तीन लाख लीटर की कुल कमी का संकेत देता है.
एर्नाकुलम क्षेत्र में दूध की औसत खरीद प्रतिदिन लगभग 3.25 लाख लीटर होती थी. वहीं, दूध की बिक्री अब 4 लाख लीटर के आसपास है. स्थानीय दूध आपूर्ति में कमी को महाराष्ट्र और कर्नाटक से आयात के माध्यम से पूरा किया जा रहा है.
गर्मी से बचाने के लिए करें ये उपाय
जयन ने कहा कि गर्मी का स्तर अधिक होने के कारण डेयरी किसान चारा इकट्ठा करने या जानवरों को चारे के लिए बाहर छोड़ने की स्थिति में नहीं हैं. लू से बचाव के लिए जानवरों को दिन के अधिकांश समय छायादार पेड़ों के नीचे या मवेशियों के शेड में आश्रय दिया जाता है. गर्म महीनों के दौरान उन्हें बार-बार पानी देना जरूरी है, और इससे उन किसानों का काम बढ़ गया है जो दिन के समय हरा चारा इकट्ठा करते थे या अन्य चारा तैयार करते थे.
किसानों को इतना मिलेगा मुआवजा
योजना के तहत, प्रत्येक जिले के लिए तापमान सीमा तय की जाती है और यदि तापमान लगातार छह, आठ, 10 या 25 दिनों से अधिक हो तो भुगतान किया जाता है. तब किसानों को क्रमश: 140, 440, 900 और 2,000 रुपये का मुआवजा मिलेगा.