Sunday, September 8, 2024
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छत्तीसगढ़ में धान का मौसम आ गया, बेमेतरा जिले में किसानों का धान थरहा, रोपाई के लिए हुआ तैयार

बेमेतरा: बेमेतरा जिले के ब्लॉक बेरला निवासी बड़े किसान सुरेंद्र अग्रवाल का मानसून आने से पहले धान का थरहा, रोपाई के लिए हो गया है तैयार, मौसम विभाग द्वारा 12 जून तक मानसून पहुंचने की बात कही गयी थी पर अब तो 18 जून भी आ गया मानसून आगमन के कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। इधर किसान अपने खेतों की तैयारी पूरी कर धान रोपा लगाने को तैयार हैं इंतजार है तो बस मानसून के आगमन का। वैसे आजकल अधिकांश किसान ट्यूबवेल की मदद से बहुत कुछ काम मानसून के पहले भी कर लेते हैं परंतु किसानों के अनुसार बरसात के फसल के सफल उत्पादन के लिए मानसूनी बारिश का निश्चित समय पर पर्याप्त गिरना जरूरी होता है। इन दिनों क्षेत्र में धान रोपाई की तैयारी जोरों से चल रही है तो कई जगह रोपा लगना शुरू भी हो चुका है मानसून की दस्तक का बस इंतजार है।

जून के माह में जिले में अकरस जुताई हो जाती है। बारिश होने के बाद अकरस बाेनी भी किसान शुरू कर देते हैं। प्रमुख रूप से जिले में खरीफ में धान की फसल लगाई जाती है तो किसानों को जून माह में खेती की तैयारी कैसे करनी चाहिए । कृषि वैज्ञानिक चंद्रशेखर खरे (शस्य विज्ञान) और चंद्रमणि देव ने किसानों को सलाह दी है कि उन्हें जून में क्या करना चाहिए। धान की खेती करने वालों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि धान का धरहा देने या बुआई करने से पहले धान के बीजों को 17 प्रतिशत नमक के घोल के साथ उपचारित कर लें।

वैज्ञानिकों ने जून में खेती के लिए किसानों को दी सलाह

  • सोयाबीन, अरहर एवं धान हेतु जमीन तैयार कर बुवाई करे।
  • खेत की साफ-सफाई एवं मेड़ोंं की मरम्मत आवश्यक रूप से इस माह में करना चाहिए।
  • खरीफ की लता वाली सब्जी जैसे- लौकी, कुम्हडा को पाॅलीबैग में पौधा तैयार करें व करेला, बरबट्टी लगाने हेतु अच्छी किस्म का चयन कर मेड नाली पद्धति से फसल लगाना सुनिश्चित करें, कुंदरू व परवल लगाने हेतु खेत की तैयारी करें।
  • जो किसान भाई फलदार पौधे लगाना चाहते है वे वर्तमान मे खेतों की तैयारी करें, साथ ही साथ खेतों में वर्षा ऋतु में पौधे लगाने हेतु गड्ढे खोदने का कार्य प्रारंभ करें।
  • धान का थरहा डालने या बुआई से बीजों को 17 प्रतिशत नमक के घोल से उपचारित करें।
  • प्रमाणित या आधार श्रेणी के बीजों को पैकेट में दिए गए फफूंद नाशक से अवश्य उपचारित कर बुवाई करें।
  • अदरक एवं हल्दी की रोपित फसल में पलवार मल्चिंग अवश्य करें तथा पानी निकास की व्यवस्था करें।
  • धान की बुवाई कतारों में करें, कतार बोनी धान में बोवाई के 3 दिन के अंदर अंकुरण पूर्व प्रस्तावित निंदानाशक का छिड़काव करें।
  • शीघ्र एवं मध्यम अवधि की धान की किस्मों की कतार बोनी करें जिसमें बियासी की आवश्यकता नहीं होती एवं धान 10 से 15 दिन पहले पक जाता है।

 

 

 

 

Bhumika

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