Sunday, September 8, 2024
Homeorganic-farmingआम की गुठली और पत्तियों से रायपुर के स्टूडेंट्स ने तैयार किए...

आम की गुठली और पत्तियों से रायपुर के स्टूडेंट्स ने तैयार किए झूमर और तोरण, नेशनल मैंगो फेस्टिवल में मिली तारीफ – National Mango Festival in Raipur

रायपुर: रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में 12 जून से लेकर 14 जून तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव का आयोजन किया गया है. इस आम महोत्सव में छत्तीसगढ़ सहित प्रदेश के दूसरे जिलों के किसान आम की अलग-अलग वैरायटी लेकर आए हैं. इसमें आम की विदेशी किस्म भी शामिल है. राष्ट्रीय आम महोत्सव कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फल विज्ञान विभाग में पीएचडी कर रहे छात्र-छात्राओं ने कमाल किया है. उन्होंने वेस्ट इज बेस्ट की थीम पर आम की पत्ती और आम की गुठलियों से कई सामान तैयार कर लोगों को दंग कर दिया.

स्टूडेंट्स ने तैयार किए सजावट के सामान: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने घर डेकोरेट करने के लिए झूमर-तोरण सहित दूसरे सजावट के सामान बनाए हैं. आमतौर पर लोग आम को खाने के बाद उसकी गुठली फेंक देते हैं, लेकिन इसका बखूबी उपयोग इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने किया है. सस्ते और कम दाम में सजावट के समान आम की पत्ती और आम की गुठली से बनाई गई.

इस तरह के सामान किए तैयार: इस बारे में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में फल विज्ञान विभाग में पीएचडी कर रहे स्टूडेंट निशांत वर्मा ने कहा, “जब भी हम घर में आम खरीद कर लाते हैं तो आम की गुठलियों को बाहर फेंक देते हैं, लेकिन हमने एक नया प्रयोग किया है. आम की गुठली और उनकी पत्तियों से घर के लिए सजावट का सामान तैयार किया है, जिसमें झूमर है, तोरण है, आम की गुठलियों को सुखाकर उसको पेंट करने के बाद उसको अलग-अलग आकार और रंगों में सजाया गया है. इन सजावट के सामानों में एक्वेरियम झूमर और तमाम फैंसी चीजें शामिल हैं. इस काम को पीएचडी कर रहे लगभग 17 छात्र-छात्राओं ने तैयार किया है, जो इस राष्ट्रीय आम महोत्सव में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

आम को फलों का राजा कहा जाता है. घर में जब भी आम आता है तो लोग आम को खाने के बाद उसके छिलके और गुठलियों को फेंक देते हैं, लेकिन वेस्ट मटेरियल से यहां के स्टूडेंट्स ने सजावट के समान तैयार किए हैं. इसके साथ ही आम का पेड़ धार्मिक कार्यों में भी उपयोग होता है. जब भी कोई धार्मिक अनुष्ठान होता है, उसमें आम की पत्ती, आम की लकड़ी का भी महत्व बढ़ जाता है. आम की गुठली और उनकी पत्तियों से छात्र-छात्राओं ने बुके भी तैयार किया है. यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने एक मैंगो रोबोट भी बनाया है. -डॉक्टर घनश्याम दास साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय

बता दें कि राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में 12 से 14 जून तक राष्ट्रीय आम महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान यहां आम से जुड़े कई उत्पाद पेश किए गए.

 

Bhumika

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments