ओडिशा और झारखंड में पिछले दिनों बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि की गतिविधियां देखी गई. इसके कारण खेती को काफी नुकसान हुआ है. ओडिशा और झारंखड में कई जगहों पर किसानों की खड़ी फसल नष्ट हो गई है. झारखंड में जहां सब्जियों की फसल खास कर तरबूज और मटर को नुकसान हुआ है. वहीं ओडिशा में भारी बारिश से किसानो के खेतों में पानी भर गया और किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. झारखंड में इसके अलावा तैयार गेहूं की खड़ी फसल को कई जगहों पर नुकसान हुआ है. अब किसान मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि झारखंड में फसल क्षतिपूर्ति का मुआवजा किसानों को ना के बराबर मिलता है. ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ गई है.
ओडिशा के केंद्रपाड़ा और जाजपुर में भारी बारिश हुई है. बेमौसमी बारिश के कारण दोनों ही जिलों में फसलों को काफी नुकसान हुआ है. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के अनुसार केंद्रपाड़ा के तटीय इलाके औल, महाकालपाड़ा, राजनगर, मर्सघाई, राजकनिका और गारदपुर ब्लॉक के कई गांवों से बेमौसम बारिश के कारण फसलों के बर्बाद होने की शिकायत मिली है. बारिश के कारण किसानों की सब्जी और मूंग की खेती को नुकसान पहुंचा है. भरतपुर के एक 40 वर्षीय किसान प्रह्लाद जेना ने बताया कि तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश हुई. इसके कारण बड़े हिस्से में मूंग और सब्जियों की खेती को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर बारिश नहीं होती तो अभी किसान मूंग की फसल की कटाई कर रहे होते. पर अब उनके सामने कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है.
बंपर फसल की उम्मीद में थे किसान
किसान नेता और कृषक सभा की जिला इकाई के अध्यक्ष उमेश चंद्र सिंह ने कहा कि बारिश ने पूरी तरह से किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है जो मूंग की बंपर फसल की उम्मीद कर रहे थे. केंद्रपाड़ा के मुख्य जिला कृषि अधिकारी (सीडीएओ) मनोज चंद ने कहा कि विभाग के अधिकारियों को हर ब्लॉक में फसल क्षति का आकलन करने के लिए कहा गया है. फसल क्षति रिपोर्ट मिलने के बाद प्रभावित किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा. जाजपुर में भी विभिन्न हिस्सों में मौसम बिगड़ने से से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और फसलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. यहां पर कई प्रखंडों में बारिश के कारण मूंग और मूंगफली की खेती प्रभावित हुई है.
ओलावृष्टि से गेहूं को नुकसान
इधर झारखंड में भी कई स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है. खूंटी जिले के तोरपा और रनिया प्रखंड में बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. ओलावृष्टि के कारण खेत में उनकी खड़ी फसल बर्बाद हो गई है. गुटुहातू गांव के एक किसान हेरमन गुड़िया ने बताया कि उनके गांव के अधिकांश किसानों ने सब्जी की खेती की थी. उन्होंने बताया कि इससे पहले हाथियों ने फसल को नुकसान पहुंचाया था. अब प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी है. चंपाबादा गांव के किसान विजय पाहन ने बताया कि उनके गांव में चना, गेहूं और सब्जी की फसल को ओलावृष्टि के कारण नुकसान हुआ है.
तरबूज किसानों को भारी घाटा
रांची के ओरमांझी प्रखंड में भी तरबूज की खेती करने वाले किसानों को ओलावृष्टि और बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है. ओरमांझी के किसान आदित्य कुमार साहू ने बताया कि प्रखंड के कई गांवों में ओलावृष्टि के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है. यह तरबूज की खेती का मौसम है. अधिकांश किसान प्रखंड में तरबूज की खेती करते हैं. ऐसे में ओलावृष्टि के कारण सिर्फ उनके गांव और आसपास के गांवों में लगभग 300-400 एकड़ खेत में तरबूज की फसल बर्बाद हो गई है. आदित्य ने बताया कि उनके चार एकड़ खेत में तरबूज की फसल बर्बाद हो गई. इससे उन्हें लगभग तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है.