Thursday, October 24, 2024
Homeहोमकाबुली चना सहित तुअर-चना पर स्टॉक लिमिट लागू, महंगाई रोकने के लिए...

काबुली चना सहित तुअर-चना पर स्टॉक लिमिट लागू, महंगाई रोकने के लिए सरकार का बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने काबुली चना सहित तुअर और चना पर 30 सितंबर, 2024 तक स्टॉक सीमा लागू की है. प्रत्येक दाल के लिए स्टॉक सीमा थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन है. खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन, प्रत्येक खुदरा दुकान पर 5 मीट्रिक टन और बड़ी बिजनेस चेन के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 मीट्रिक टन की स्टॉक लिमिट तय की गई है.

अनाज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने बड़ी कार्यवाही की है. केंद्र ने काबुली चना सहित तुअर और चना पर 30 सितंबर, 2024 तक स्टॉक सीमा लागू कर दी है. दालों की जमाखोरी, सट्टेबाजी को रोकने और उपभोक्‍ताओं को किफायती दर पर तुअर और चना की उपलब्‍धता को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार ने आदेश जारी किया है. इसके तहत थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी बिजनेस चेन के खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयातकों के लिए दालों पर स्टॉक सीमा लागू की गई है.

क्या है आदेश

आदेश के तहत, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 30 सितंबर, 2024 तक काबुली चना सहित तुअर और चना के लिए स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है. प्रत्येक दाल पर व्यक्तिगत रूप से लागू स्टॉक सीमा थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन, प्रत्येक खुदरा दुकान पर 5 मीट्रिक टन और बड़ी चेन के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 मीट्रिक टन, मिल मालिकों के लिए उत्पादन के अंतिम 3 महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 परसेंट, जो भी अधिक हो, होगी. आयातकों के संबंध में कहा गया है कि आयातकों को सीमा शुल्क निकासी की तारीख से 45 दिनों से अधिक समय तक आयातित स्टॉक को अपने पास नहीं रखना है.

सरकार ने तेजी से बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह फैसला लिया है. भारी गर्मी से दाल की फसलें भी चौपट हुई हैं जिसे देखते हुए भविष्य में इसकी सप्लाई घटने और दाम में इजाफा की आशंका है. इस पर समय पर काबू पाने के लिए सरकार ने स्टॉक लिमिट लागू कर दी है. सरकार ने अपने फैसले में मिलर्स, रिटेलर्स, बड़ी चेन के रिटेलर, आयातक और होलसेलर्स के लिए एक साथ स्टॉक लिमिट लगा दी है. इससे पहले सरकार ने प्राइवेट चेन रिटेलर्स से कहा था कि वे दालों के अपने स्टॉक को सप्ताह में दो बार घोषित करें, जैसा कि अन्य संस्थाओं के लिए साप्ताहिक है. अप्रैल में सरकार ने आयातित पीली मटर सहित सभी दालों के साप्ताहिक स्टॉक का खुलासा अनिवार्य कर दिया था, ताकि जमाखोरी को रोका जा सके.

दालों की महंगाई

तेजी से बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है. दालों की कीमतें पिछले एक साल से बढ़ रही हैं. महाराष्ट्र के सोलापुर में तुअर और चना की कीमतें 11,100-12,250 रुपये प्रति क्विंटल और दिल्ली के प्रमुख बाजारों में 7,075-7,175 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं, जहां मध्य प्रदेश और राजस्थान से सप्लाई होती है. खुदरा बाजार में, तुअर दाल की अखिल भारतीय औसत कीमत 161.3 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो साल-दर-साल 26 परसेंट की वृद्धि थी और चना की कीमत 88.1 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो साल-दर-साल 17.6 परसेंट अधिक थी. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अभी हाल में ये आंकड़े दिए थे.

Admin

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments