Wednesday, November 20, 2024
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इस राज्य में भीषण गर्मी से झुलस गई टमाटर फसल, उत्पादन में गिरावट आने से 300 फीसदी बढ़ी कीमत

तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में बढ़ती गर्मी के कारण टमाटर की फसल खेतों में खड़ी-खड़ी सूख रही है. इससे राज्य के सबसे बड़े पलाकोड थोक बाजार में टमाटर की सप्लाई कम हो गई है. व्यापारियों का कहना है कि फसल सूखने के चलते अब टमाटर की आवक 100 टन से घटकर तीन टन प्रति दिन से भी कम हो गई है. इससे टमाटर की कीमत में बंपर बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कहा जा रहा है कि जो टमाटर कुछ हफ्ते पहले तक 7 से 10 रुपये प्रति किलो बिकता था, अब उसकी कीमत 26 से 30 रुपये किलो हो गई है. यानी कीमत में 300 फसदी की बढ़ोतरी हुई है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है.

किसानों का कहना है कि जिले में अधिक गर्मी पड़ने की वजह से टमाटर की फसल खेतों में सूख रही है. ऐसे में किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. मार्च 2023 और फरवरी 2024 के बीच, जिले में 11,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में टमाटर की खेती की गई. इसमें प्रत्येक एकड़ में 35 टन प्रति हेक्टेयर से अधिक का उत्पादन हुआ है.

और खराब हो सकती है स्थिति

पलाकोड बाजार के एक व्यापारी पी गणेशन ने कहा कि आमतौर पर अप्रैल का महीना टमाटर उत्पादन का पीक सीजन होता है. इस महीने में कम से कम रोज 100 टन तक टमाटर की आवक होती है. लेकिन इस साल हमें रोज तीन टन से भी कम मिल रहा है. हालांकि, आमतौर पर मई में उत्पादन कम हो जाता था, लेकिन इस साल स्थिति बेहद गंभीर है. गर्मियों में यह स्थिति और खराब हो सकती है.

41 डिग्री के पार हुआ तापमान

टीएनआईई से बात करते हुए, पलाकोड के एक किसान के राजकुमार ने कहा कि पिछले हफ्ते गर्मी इतनी अधिक थी कि तापमान 41 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया था. यह आमतौर पर मई के मध्य में होता है. इसके साथ ही पलाकोड और पेन्नाग्राम में सूखे जैसी स्थिति के कारण टमाटर के पौधों का जीवित रहना मुश्किल हो गया है. उत्पादन को बनाए रखने के लिए पानी की भारी कमी है, जिससे फूल मुरझा जाते हैं. हमें उम्मीद है कि सरकार स्थिति का आकलन करेगी और प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा देगी.

टमाटर की खेती में कितना है खर्च

मरांडाहल्ली के एक अन्य किसान आर पूमानी ने कहा कि एक एकड़ में खेती करने के लिए, किसान 18,000 रुपये से 25,000 रुपये के बीच खर्च करते हैं. औसतन हमें 9 टन से 12 टन तक की उपज मिलती है. हमें सरकारी सहायता की आवश्यकता है, क्योंकि गर्मी की लहर के कारण सैकड़ों किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना करना पड़ा है. बागवानी के उप निदेशक फातिमा ने कहा कि जहां तक टमाटर का सवाल है, अप्रैल पहला सीजन है और नुकसान की घोषणा करने के लिए हमारे पास अपर्याप्त डेटा है. हम केवल जून में फसल के नुकसान का आकलन कर सकते हैं.

क्यों आई उत्पादन में गिरावट

उन्होंने कहा कि धर्मपुरी जिले में बहुत अधिक गर्मी पड़ती है. ऐसे में उत्पादन में गिरावट होना सामान्य बात है. आमतौर पर, सीजन के दौरान हमारे पास केवल 300 से 400 हेक्टेयर खेती होती थी. पिछले साल हमारे सामने ऐसी स्थिति नहीं थी. हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि आपूर्ति चिंताजनक रूप से कम न हो जाए.

Bhumika

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