Flowers Farming: उत्तर प्रदेश में अब बहुत से किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर अलग-अलग तरह की फसलों की खेती कर रहे हैं. जिसमें फूलों की खेती शामिल है. इसी कड़ी में अमेठी में कुछ युवा किसान फूलों की खेती से अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. अमेठी के तिलोई तहसील के रहने वाले संदीप मौर्य ने करीब 5 वर्ष पहले फूलों की खेती शुरू की. पहले संदीप मौर्य सिर्फ अपने खेत में धान, गेहूं की फसल तैयार करते थे. संदीप मौर्य ने बताया कि मेरे मन में सुझाव आया की फूलों की खेती में ज्यादा फायदा है, तो उन्होंने पहले छोटे पैमाने पर फूलों की खेती की. लेकिन जब उन्हें फायदा होने लगा तो आज वह करीब 10 हेक्टेयर में फूलों की खेती कर रहे हैं और इससे वह सीजन में 1 लाख से अधिक रुपए की कमाई करते हैं.
फूलों की खेती से गुलदस्ता करते तैयार
संदीप मौर्य बताते हैं कि फूलों की खेती में धान गेहूं की अपेक्षा अधिक फायदा है. इस वजह से वह फूलों की खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि समय-समय पर विभाग की तरफ से उन्हें मदद मिलती है और आज उन्हें फायदा हो रहा है. वहीं एक और युवा किसान सूरज माली अमेठी के गौरीगंज जिला मुख्यालय पर फूलों की खेती कर रहे हैं.
सूरज के पिता ने इस व्यवसाय को शुरू किया था. सूरज आज फूलों की खेती से गुलदस्ता तैयार करते हैं. यह किसान अपने खेतों में विभिन्न प्रकार के गेंदा के फूलों की प्रजातियों के पौधे लगा करके फूलों की पैदावार कर रहा है. जिसे वह अपने नजदीकी मंडी में ले जाकर फूलों को बेचकर सालाना लाखों रुपए की आमदनी कर रहा है.
फूलों की खेती पर उद्यान विभाग से मिलता अनुदान
इस किसान को देखकर दूसरे युवा किसान भी गेंदा के फूलों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं, क्योंकि इस खेती में किसान की लागत भी कम रहती है और थोड़े ही समय में अच्छा मुनाफा भी किसान को मिलता है. फूल से साज-सजावट के साथ ही सौंदर्य उत्पाद एवं कई दवाओं के निर्माण में उपयोग में लाया जाता है. इसलिए बाजारों में इसकी मांग अधिक रहती है. आपको बता दें कि फूलों की खेती के लिए विभाग की तरफ से अनुदान दिया जाता है. लाभार्थी को आवेदन करने के लिए अपने आधार कार्ड, फोटो, बैंक पासबुक के साथ आवेदन करना होता है. उसके बाद आवेदन होते ही लाभार्थी को काइन डीबीटी के माध्यम से हेक्टेयर के अनुसार अनुदान की धनराशि उपलब्ध कराया जाता है.