लखनऊ की युवा महिला किसान अनुष्का शर्मा ने 2 साल पहले शिमला मिर्च की खेती शुरू की. आज पाली हाउस के माध्यम से शिमला मिर्च की खेती में उत्पादन का रिकॉर्ड कायम किया है. बल्कि भरपूर कीमत मिलने से कमाई भी खूब हुई है.
शिमला मिर्च की खेती का चलन अब तेजी से किसानों के बीच बढ़ रहा है. इस खेती में किसानों को दूसरी फसलों के मुकाबले कुछ ज्यादा ही मुनाफा हो रहा है. वही इन दिनों पाली हाउस में रंगीन शिमला मिर्च व खीरे की फसल को उगाने में किसान खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं. सामान्य तौर पर शिमला मिर्च की फसल सर्दी के मौसम में तैयार होती है. पाली हाउस में रंगीन शिमला मिर्च अगस्त के प्रथम सप्ताह में लगाई जाती है और अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में इसमें फल आना शुरू हो जाते हैं. यह फसल 8 महीने तक चलती है यानी अप्रैल में तक भरपूर उत्पादन मिलता है. लखनऊ की युवा महिला किसान अनुष्का शर्मा ने 2 साल पहले शिमला मिर्च की खेती शुरू की. आज पाली हाउस के माध्यम से शिमला मिर्च की खेती में उत्पादन का रिकॉर्ड कायम किया है. बल्कि भरपूर कीमत मिलने से कमाई भी खूब हुई है. खुद अनुष्का बताती है की एक एकड़ खेत में उसने 35 टन शिमला मिर्च का उत्पादन मिला है जो बहुत ज्यादा है.
पौधों से करती है प्यार तो मिला 5 गुना ज्यादा उत्पादन
लखनऊ की युवा महिला किसान अनुष्का की खेती के चर्च इन दिनों पूरे देश में है. उनके पास अपनी एक बीघे की भी खेती नहीं है लेकिन उन्होंने कांटेक्ट फार्मिंग के जरिए खेती करने का फैसला किया. उनके इस फैसले से उनके परिवार वाले भी हैरान थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद मां-बाप ने सोचा था कि उनकी बेटी किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करेगी लेकिन अनुष्का ने खेती को चुना. अपने फैसले को सही साबित करने में अनुष्का को एक साल लग गया. उन्होंने किसान तक को बताया कि उन्होंने रंगीन किस्म की शिमला मिर्च की खेती की है. पॉलीहाउस के माध्यम से एक एकड़ क्षेत्रफल में उन्होंने 35 टन उत्पादन मिला. इसके पीछे पौधों के प्रति उनका प्यार भी है जिस वजह से उनके पौधे न सिर्फ दूसरों के मुकाबले ज्यादा तंदुरुस्त है और उत्पादन भी भरपूर देते हैं.
शिमला मिर्च की कमाई से मालामाल
शिमला मिर्च रंगीन किस्म की खेती से हरी शिमला मिर्च की खेती के मुकाबले किसानों को तीन से चार गुने ज्यादा कमाई होती है. लाल और पीले किस्म के शिमला मिर्च की खेती को अनुष्का ने एक एकड़ के पॉलीहाउस में करना शुरू किया. उसके सामने चुनौती भी बड़ी थी. पिछले साल जहां शिमला मिर्च में वायरस की समस्या का सामना किसानों को करना पड़ा लेकिन उसकी फसल में वायरस नहीं लगा और उन्हें एक एकड़ में 35 टन का उत्पादन मिला जो दूसरे किसानों के मुकाबले 4 से 5 गुना ज्यादा था. पिछले साल 200 से ₹300 प्रति किलो तक उन्हें भाव मिला जिससे उन्हें 50 लाख तक कमाई हुई.
खीरे की खेती में भी बन चुकी है उत्पादन का रिकॉर्ड
शिमला मिर्च की खेती से पहले एक साल अनुष्का ने पॉलीहाउस में बीज रहित खीरे की खेती को किया. खेती भी उनकी इतनी अच्छी थी उन्हें एक एकड़ में 50 टन का उत्पादन मिला जो दूसरे किसानों के मुकाबले 6 गुना ज्यादा था. सामान्यत 8 टन तक खीरे का उत्पादन 1 एकड़ में होता है. उनके इस उत्पादन को देखकर दूसरे किसान हैरान रह गए . हाइब्रिड किस्म के खीरे के इस उत्पादन से उन्हें भी पहले साल में ही खूब कमाई हुई.