भारत, जो कृषि से प्रधान देश है, अब गेहूं के उत्पादन में नए रिकॉर्ड की तरफ बढ़ रहा है। यहां पर 75 फीसदी से अधिक लोगों की आजीविका कृषि पर ही निर्भर है और धान के साथ-साथ बड़े स्तर पर गेहूं की भी खेती हो रही है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, और उत्तर प्रदेश, ये राज्य अब गेहूं के मुख्य उत्पादक बन चुके हैं।
इस बार इन राज्यों में किसानों ने गेहूं की बंपर बुवाई है, जिससे देशभर में 12 जनवरी तक गेहूं का क्षेत्रफल 336.96 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मौसम भी किसानों के साथ है, क्योंकि शीतलहर और ठंडी गेहूं की फसल के लिए काफी फायदेमंद हैं।
लेकिन इसके बावजूद, किसानों को खाद और न्यूट्रिशन का सही तरीके से इस्तेमाल करना होगा। अगर खेतों में प्रचुर मात्रा में खाद और न्यूट्रिशन नहीं डालते हैं, तो गेहूं का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
गेहूं की उन्नति के लिए सही समय पर सही खाद और न्यूट्रिशन बहुत महत्वपूर्ण
एक्सपर्ट्स के अनुसार, गेहूं की फसल के लिए सही खाद और न्यूट्रिशन बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है किसानों को समय पर सही तरीके से ध्यान देना। अगर किसान समय पर खेत में खाद और न्यूट्रिशन नहीं डालते हैं, तो यह पौधों पर सही प्रभाव नहीं डालता है।
किसानों को यह जानना चाहिए कि गेहूं के खेत में कब और कितनी मात्रा में खाद और न्यूट्रिशन डालें। यदि समय पर भी इसे नहीं दिया जाता है और फिर भी गेहूं की फसल तेजी से नहीं बढ़ रही है, तो तंग नहीं होना चाहिए। नीचे बताए गए तरीकों का इस्तेमाल करके किसान अपने खेतों को सही से खाद और न्यूट्रिशन से सजीव रख सकते हैं।
ऑर्गेनिक कार्बन से बढ़ाएं गेहूं के खेतों की उपज
गेहूं के खेतों में सल्फर, मैग्नीशियम, जिंक, और अन्य पोषक तत्वों को डालने के बावजूद, कई बार फसल में कल्ले तेजी से नहीं बनते हैं, इससे साफ है कि ऑर्गेनिक कार्बन की कमी हो सकती है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, ऑर्गेनिक कार्बन मिट्टी से पोषक तत्वों को पौधों तक पहुंचाता है।
यदि आपके खेतों में ऑर्गेनिक कार्बन की कमी है, तो आप कैल्शियम नाइट्रेट का उपयोग कर सकते हैं। कैल्शियम की कमी से पौधे जमीन से पोषक तत्वों को सही ढंग से नहीं ले पाते हैं। 10 किलोग्राम कैल्शियम नाइट्रेट प्रति एकड़ छिड़काव करके आप अपने खेतों में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ा सकते हैं।
जैविक खाद से बढ़ेंगे गेहूं मे कल्ले
गेहूं की उन्नति के लिए किसानों को खेत में हर साल जैविक खाद डालना चाहिए। चाहे तो गाय की गोबर और वर्मी कंपोस्ट भी मिला सकता है। इससे खेत में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा में वृद्धि होगी।
किसान अगर चाहे तो ह्यूमिक एसिड, जिसे सागरिका भी कहा जाता है, का भी खेत में छिड़काव कर सकता है। यह मार्केट में भी उपलब्ध है। विशेषज्ञों का कहना है कि सागरिका से मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा में वृद्धि होती है। इससे जमीन में पड़े तत्व पौधों तक आसानी से पहुंचते हैं, जिससे गेहूं की फसल में कल्लों का फुटाव बढ़ता है।
गेहूं की फसल को दें सुपर स्प्रे – कल्ले गिनते गिनते थक जाओगे
गेहूं की फसल को और बेहतर बनाने के लिए, किसान यहां बताए गए तरीके से माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का स्प्रे कर सकता है:
मैंगनीज सल्फेट – 500 ग्राम
यूरिया – 1 किलोग्राम
चेल्टेड जिंक – 100 ग्राम
मैग्नीशियम सल्फेट – 1 किलोग्राम
बोरोन – 100 ग्राम
इन सभी सामग्रियों को प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर एक घोल तैयार करें। इसके बाद, इस घोल को प्रति एकड़ पर स्प्रे करें। यह आपकी गेहूं को और भी स्वस्थ बनाये रखने में मदद करेगा।