Friday, July 26, 2024
Homeकृषि समाचारयूपी के इस किसान ने सिरका को दिलाई देश में एक अलग...

यूपी के इस किसान ने सिरका को दिलाई देश में एक अलग पहचान, जानिए कौन हैं शुक्ला जी…

Uttar Pradesh News: गोरखपुर-लखनऊ नेशनल हाइवे -28 पर बसा उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का केशवपुर गांव सिरका उद्योग (Sirka Industry) में आज पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है. नेशनल हाइवे पर सड़क किनारे सैकड़ों दुकानें आपको सिरका की नजर आ जाएंगी. शुक्ला जी का सिरका, यादव जी, शकुंतला सिरका लिखे तमाम बोर्ड दिख जाएंगे. लेकिन आपको सिरके वाले बाबा की कहानी बताने जा रहे है, जहां छोटी से दूकान से निकला सिरका लाखों के कारोबार का रूप ले चुका है. असल, सिरका निर्माण की सफल कहानी के पीछे एक महिला का हुनर और उसकी सोच है, जिसने अपने पति को सिरका वाला बाबा बना दिया.

ऐसे तैयार होता है सिरका

किसान तक से बातचीत में शुक्ला जी सिरका के मालिक सभापति शुक्ला ने बताया कि इसके मूल में गन्ने का रस होता है. रस को बड़े-बड़े प्लास्टिक के ड्रमों में भरकर धूप में 3 महीने तक रख दिया जाता है. जब रस के ऊपर मोटी परत जम जाती है तो फिर उसकी छनाई की जाती है. फिर महीने भर धूप में रखने के बाद सरसों के तेल के साथ भुने मसाले, धनिया, लहसुन व लालमिर्च से इसे छौंका दिया जाता है. उसके बाद उसमें कच्चे आम, कटहल, लहसुन आदि डालकर रख दिया जाता है. इस तरह चार महीने में सिरका तैयार हो जाता है.

बस्ती के विक्रमजोत निवासी सभापति शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2000 में इसकी शुरुआत की थी. उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी ने गन्ने की रस से करीब 100 लीटर सिरका बना दिया और यह सिरका लोगों में बांटना शुरू कर दिया. लोगों को यह सिरका खूब पंसद आया. यहीं से शुद्ध सिरका बनाकर बेचना शुरू कर दिया. आज यह व्यवसाय घरों से लेकर हाइवे किनारे चल रहे ढाबों तक ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई समेत कई राज्यों तक पहुंच गया. शुक्ला जी ने बताया कि बाराबंकी, अयोध्या और बस्ती तीन जिलों के बॉर्डर से इलाके जुड़ा हुआ है.

सालाना आय 40 लाख रुपये से अधिक

शुक्ला जी ने आगे बताया कि हजारों लीटर सिरका तैयार किया जाता है, लेकिन बिक्री ज्यादा होने की वजह से कम पड़ जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद में सिरका का चयन होने से तमाम लोग इस व्यवसाय से जुड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आज हाईवे पर तमाम दुकानें खुल गई हैं और सभी हमारे नाम पर सिरका बेच रहे हैं, जो कि गलत है. हम लोकल में किसी को भी सिरका नही देते हैं. सभापति शुक्ला बताते हैं कि आज हमारी सालाना आय 40 लाख रुपये से अधिक की है. उन्होंने बताया कि आय कम होने के पीछे कारण है कि बहुत सारे लोग हमारे नाम का इस्तेमाल करके अपनी दूकान चला रहे है. लेकिन यह गलत है.

सिरका ने बदली माचा और केशवपुर गांव की तस्वीर

बस्ती जिले के माचा और केशवपुर गांव का सिरका व्यवसाय लघु उद्योग का रूप ले चुका है. इस कारोबार ने गांव की तस्वीर ही बदल दी है. यहां के युवा स्वरोजगार के रूप में इसे अपनाए हुए हैं. यही नहीं दूसरे बेरोजगार युवकों को रोजगार भी दे रहे हैं.

सिरका सेहत के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद

आपको बता दें कि सिरका सेहत के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है. सिरके को बालों और स्किन की देखभाल के साथ ही कई गंभीर बीमारियों जैसे-दिल की बीमारी, मानसिक रोग, आदि में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसका सही उपयोग बुढ़ापे में काफी ज्यादा फायदेमंद माना जा सकता है. कई रोगों को जड़ से खत्म करने में सिरका उपयोगी साबित हो सकता है.

Bhumika

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments