असम में कम बारिश के कारण नए चाय सीजन की शुरुआत बुरी तरह प्रभावित हुई है. देश के शीर्ष उत्पादक राज्य में चाय उत्पादक किसान अब चिंतित हैं. क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि पिछले साल की तुलना में इस साल असम फर्स्ट फ्लश चाय का उत्पादन लगभग 30-50 प्रतिशत कम होगा. अब तक असम में स्थिति बहुत खराब है. हालांकि, बागवानों के लिए राहत की बात यह है कि अब तक पहली फसल की गुणवत्ता काफी अच्छी रही है. अमलगमेटेड प्लांटेशन के प्रबंध निदेशक और सीईओ विक्रम सिंह गुलिया ने कहा कि हमें उम्मीद है कि बाजार में इसका अच्छा रेट मिलेगा.
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, टी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रभात कमल बेजबोरुआ ने बताया कि अब तक पिछले साल की एक-चौथाई बारिश हो चुकी है. इस साल पहली फ्लश फसल पिछले साल की तुलना में लगभग 30-50 प्रतिशत कम होगी. वहीं, विक्रम सिंह गुलिया ने कहा कि असम में मार्च के महीने में अब तक कोई बारिश नहीं हुई है. उत्तर भारत में, पिछले साल मार्च में चाय का कुल उत्पादन 65 मिलियन किलोग्राम से अधिक था. टी रिसर्च एसोसिएशन (टीआरए) के अनुमान के अनुसार, इस साल यह कम से कम 40 प्रतिशत कम होगा.
इस वजह से उत्पादन में आएगी गिरावट
विक्रम सिंह गुलिया ने कहा कि अगर बारिश नहीं हुई तो असम चाय का उत्पादन 50 फीसदी तक भी नीचे गिर सकता है. अगर बारिश होती है, तो यह पिछले साल की तुलना में लगभग 35 प्रतिशत कम हो सकती है. टी बोर्ड इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, असम ने मार्च 2023 में 34.04 मिलियन किलोग्राम चाय का उत्पादन किया, जबकि पिछले कैलेंडर वर्ष में राज्य का कुल उत्पादन 674.89 मिलियन किलोग्राम था. असम चाय उद्योग के लिए, पहली फ्लश फसल आम तौर पर मार्च और अप्रैल में उत्पादित की जाती है.
अच्छी क्वालिटी वाली होती है असम चाय
हालांकि, दूसरा फ्लश अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली असम चाय माना जाता है. दूसरी फ़्लश फसलें, जो प्रीमियम कीमतों पर बिकती हैं. आम तौर पर मई और जून में उत्पादित होती हैं. नॉर्थ ईस्टर्न टी एसोसिएशन (NETA) के सलाहकार बिद्यानंद बरकाकोटी ने कहा कि असम के सभी जिलों में फसल तोड़ने का काम कमोबेश शुरू हो गया है. मार्च में चाय का उत्पादन कम रहेगा. लेकिन अप्रैल में क्या होगा ये कहना मुश्किल है. इसलिए, अप्रैल में तस्वीर और अधिक स्पष्ट होगी. वहीं, जानकारों का कहना है कि यदि असम चाय के उत्पादन में 50 फीसदी की गिरावट आती है, तो इसकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती है.