Sunday, October 27, 2024
Homeकृषि समाचारछत्तीसगढ़ में जैविक तरीके से उगाई जा रही सुगंधित धान, जानिए किसानों...

छत्तीसगढ़ में जैविक तरीके से उगाई जा रही सुगंधित धान, जानिए किसानों को कितना होगा लाभ – Chhattisgarh paddy farming

कोरबा : कोरबा जिले के आदिवासी और वनांचल क्षेत्र पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में जैविक खेती मिशन एवं परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 1200 हेक्टेयर में सुगंधित धान की खेती की जाएगी. इस योजना के तहत 423 किसानों को निशुल्क बीज, जैविक खाद उपलब्ध कराए जाएंगे.साथ ही साथ खरीदी के लिए प्रति एकड़ 10 हजार रुपए भी दिए जा रहे हैं.

उर्वरकता बढ़ेगी दाम भी मिलेगा अधिक : इस योजना से एक तहत जहां किसान सुगंधित धान की पैदावार लेंगे तो वहीं दूसरी तरफ जैविक खाद परंपरा भी जारी रहेगी. यहां रासायनिक खाद का उपयोग नहीं होगा. कुछ साल पहले तक अकेले पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के पाली-तानाखार क्षेत्र में 600 हेक्टेयर से भी अधिक रकबा में किसान सुगंधित धान की व्यवायिक खेती कर रहे थे. सामान्य धान की कीमत 3100 रूपए है. वहीं सुगंधित धान का बाजार मूल्य पांच हजार रूपये यानी 1900 रूपये अधिक होता है.राज्य सरकार दे रही ऐसी खेती को बढ़ावा : कृषि विभाग के सहायक संचालक डीपीएस कंवर का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से परंपरागत धान की जगह अन्य फसलों को बढ़ावा देने हर संभव प्रयास किया जा रहा है. चीनी-शक्कर, जवाफूल, रामजीरा, लोहंदी, विष्णुभोग जैसे विशेष प्रजाति के धान की फसल के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए नए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके पहले भी किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.

” जैविक खेती करने वाले किसानों का पंजीयन पृथक रूप से किया गया है. इसके तहत इन किसानों को शहर में अलग से बाजार उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही ट्रेडिंग कंपनियों से संपर्क कर सुगंधित चावल की खपत में प्रशानिक सहयोग दिया जाएगा। इससे अन्य किसान भी जैविक खेती की ओर आकर्षित होंगे. अधिक मुनाफा भी होगा.”- डीपीएस कंवर, सहायक संचालक कृषि विभाग

रासायनिक खाद से भी मिलेगा छुटकारा : जानकारों की माने तो किसानों में खेती को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है. प्रति एकड़ धान की अधिक से अधिक उपज पाने के लिए किसानों ने रासायनिक खाद की उपयोगिता बढ़ा दी है. जरूरत से ज्यादा रासायनिक खाद का उपयोग मिट्टी के लिए हानिकारक होता है. पहले खेतों में फसल परिवर्तन किया जाता था. अब धान के दाम बाजार में बढ़ने की वजह से किसान खरीफ के साथ रबी में भी इसकी खेती करने लगे. गेहूं और कोदो की तुलना में धान फसल में अधिक पानी लगता है. सुगंधित धान की खेती को बढ़ावा मिलने रासायनिक खाद की उपयोगिता में कमी आएगी. कम से कम एक सीमित क्षेत्र के किसानों के खेत रासायनिक खाद से मुक्त होंगे.

 

Admin

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments