रायपुर : सेवंती फूल को गुलदाउदी और चंद्रमलिका के नाम से भी जाना जाता है. फूलों का नाम आते ही गुलाब पहले नंबर पर आता है और दूसरे नंबर पर सेवंती फूल आता है. सेवंती फूल केवल भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है. सेवंती फूल की खेती प्रदेश के किसान अगर करना चाहें तो साल भर कर सकते हैं. इसको लगाते समय फरवरी-मार्च से लेकर सितंबर तक का समय अच्छा माना जाता है.
सेवंती की खेती में अपनाएं ये तकनीक : महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुल सचिव आर एल खरे ने बताया, “सेवंती फूल तीन तरीकों से लगाए जा सकते हैं. सेवंती फूल अलग-अलग रंगों में लगाए जा सकते हैं. कंद और बीज के माध्यम से भी इसे लगाया जा सकता है. कटिंग के माध्यम से सेवंती फूल के पौधे को लगाया जाना सबसे कारगर होता है.”
“सेवंती फूल की व्यवसायिक खेती करने के लिए जमीन की बात की जाए, तो बलुवी दोमट मिट्टी इसके लिए उपयुक्त मानी गई है. इसके साथ ही सेवंती फूल का पौधा अगर गमले में उगाना हो तो वर्मी कंपोस्ट सही मात्रा में मिलाया जाना चाहिए.” – आर एल खरे, कुलसचिव, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, रायपुर
सूर्य की रोशनी और तापमान का रखें ध्यान : सेवंती फूल लगाने के लिए तापमान सेवंती फूल के अनुकूल होना चाहिए. फूल खिलते समय सूर्य की रोशनी अच्छी होनी चाहिए. जिस समय सेवंती की कली निकलती है, उस दरमियान सूर्य की रोशनी कम होनी चाहिए. सेवंती फूल को लगातार 14 घंटे तक सूर्य की रोशनी मिलती रहे, तो इसका फूल अच्छा रहता है.”
सेवंती की किस्मों का रखें ध्यान : सेवंती फूल की किस्मों में बीरबल, साहनी, मदर टेरेसा, अनमोल जैसे प्रसिद्ध किस्म हैं. इन्हें लगाकर किसान अच्छा उत्पादन और लाभ अर्जित कर सकते हैं. सेवंती फूल की खेती करते हैं तो कीट का प्रकोप भी देखने को मिलता है. किसानों को चाहिए कि वह सेवंती फूल की खेती में जल निकासी का ध्यान रखें.