बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने पटना के बमेती भवन में राज्य स्तरीय खरीफ कार्यशाला का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य में खरीफ सीजन में धान की खेती का लक्ष्य 36.54 लाख हेक्टेयर रखा गया है. किसानों को खरीफ सीजन में पानी और बिजली की दिक्कत न हो, इसको लेकर विभाग पूरी कोशिश कर रही है. वहीं किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ राज्य के अधिक किसान ले सकें, इसको लेकर एक स्पेशल बैठक कृषि विभाग और एसएलबीसी के साथ किया जाएगा. साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड पर खुलकर बातचीत किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि राज्य में खरीफ मौसम में किसानों को उचित मूल्य पर गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध करना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है. इसके लिए मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना तहत 5069.52 क्विंटल धान का बीज किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है.
बता दें कि खरीफ सीजन में सरकार द्वारा विभिन्न फसलों की खेती को लेकर एक सीमा तय की जाती है. वहीं इस साल मक्का का 2.93 लाख हेक्टेयर, अरहर का 0.56 लाख हेक्टेयर, मूंग का 0.17 लाख हेक्टेयर, जबकि मोटे अनाज में बाजरा का 0.15 लाख हेक्टेयर, ज्वार का 0.16 लाख हेक्टेयर, मड़ुआ का 0.29 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहन का 0.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं धान की खेती 36.54 लाख हेक्टेयर के अनुपात में 3.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बिचड़ा गिराने का लक्ष्य है.
नाले पर बनेगा पक्का चेक डैम
मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि खरीफ सीजन में फसल उत्पादन बढ़िया हो, पानी की कोई किल्लत न हो, इसके लिए भूमि संरक्षण निदेशालय तथा बिहार जलछाजन विकास समिति द्वारा भूमि एवं जल संरक्षण संबंधित योजनाओं पर कार्य किया जाएगा. इसके साथ ही सात निश्चय-2 योजना के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के लिए छोटी-छोटी नदियों से निकलने वाले नाले पर 30 फीट तक का 212 पक्का चेक डैम का निर्माण होगा. वहीं जिन स्थलों पर चेक डैम निर्माण नहीं हो सकेगा, उन स्थलों पर राज्य योजना मद से तालाब एवं कूप निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए 207 तालाब एवं 100 कूप निर्माण की योजना अलग से स्वीकृत जाएगी.
आगे उन्होंने कहा कि इस साल खरीफ सीजन में यूरिया 9.87 लाख मीट्रिक टन, डीएपी 2.50 लाख मीट्रिक टन, एमओपी 0.35 लाख मैट्रिक टन और एनपीके 02 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता है.
राज्य में बागवानी को दिया जाएगा बढ़ावा
कृषि मंत्री ने कहा कि खरीफ मौसम में राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत के सूबे के अंदर 7079 हेक्टेयर में वैज्ञानिक तरीके से बागवानी करने के लिए फलदार वृक्षों का क्षेत्र विस्तार किया जाएगा. इस योजना के तहत 5379 हेक्टेयर में टिश्यू कल्चर केला, 800 हेक्टेयर में आम, 50 हेक्टेयर में लीची, 400 हेक्टेयर में अमरूद, 450 हेक्टेयर में आंवला का नया बागान लगाने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर पौध-सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा शुष्क बागवानी योजना के जरिये 2000 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सहायता अनुदान पर फलदार वृक्ष के पौधे और सामग्री उपलब्ध कराने का लक्ष्य विभाग का है. जबकि विशेष उद्यानिकी फसल योजना के अंतर्गत 100 हेक्टेयर में चाय की खेती के क्षेत्र विस्तार के लिए किसानों को 4.94 लाख/हेक्टेयर इकाई लागत का 50 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी.
गांव-गांव में होगा किसान चौपाल का आयोजन
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि खरीफ कार्यशाला के बाद गांव-गांव में किसान चौपाल का आयोजन किया जाएगा. वहीं बदलते मौसम को देखते हुए वर्षाश्रित जिलों क्लस्टर में खरीफ मक्का एवं मोटे/पोषक अनाज की खेती के लिए किसानों का चयन कर लिया गया है. खरीफ मक्का के लिए जिलों को ऊंची भूमि में क्लस्टर चयन करने का निर्देश दिया गया है. वहीं इस साल गरमा मौसम में हरी चादर योजना के तहत मूंग तथा ढ़ैंचा की खेती को बढ़ावा दिया गया है.