वैसे तो छत्तीसगढ़ धान की खेती के लिए मशहूर है, लेकिन इस इलाके के Small and Marginal Farmers के लिए बागवानी भी आय बढ़ाने का जरिया बन रही है. इतना ही नहीं, गांव की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़कर खेती में कामयाब बनने का विकल्प भी तरक्की का रास्ता मुहैया करा रहा है. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की Successful Farmer जागृति साहू इसका सटीक उदाहरण बनकर उभरी हैं. उन्होंने SHG से जुड़कर मशरूम की खेती को अपनी कामयाबी का जरिया बनाया. साथ ही सरकार की मदद से मिले तकनीकी कौशल को हासिल कर उन्होंने फसलों में दवा छिड़कने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना सीख लिया है. अब वह ड्रोन दीदी बन कर इलाके के किसानों की फसलों का कीट प्रबंधन करने में मदद करती हैं. उन्होंने इस कामयाबी को अपने परिवार की हसरतें पूरा करने का जरिया बना लिया है. इसके बलबूते उन्होंने अपनी कमाई एक लाख रुपए से ज्यादा करके लखपति दीदी भी बन गई हैं.
मशरूम की खेती से शुरू हुआ सफर
दुर्ग जिले के छोटे से गांव मतवारी की रहने वाली जागृति साहू की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है. उच्च शिक्षा प्राप्त जागृति ने दो विषयों में Post Graduation और B.Ed की डिग्री हासिल की है. टीचिंग को अपना करियर बनाने की चाहत रखने वाली जागृति की नियति को कुछ और ही मंजूर था. परिवार के हालात जब जागृति के सपनों की उड़ान में बाधक बने तो वह कुछ समय के लिए निराश जरूर हुईं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
उनके पति चंदन साहू बताते है कि शिक्षक न बन पाने से जागृति के व्यवहार में बदलाव आया और वह गुमसुम रहने लगीं. इस स्थिति से बाहर लाने के लिए उन्होंने अपनी और अपनी बेटी की पसंदीदा मशरूम की सब्जी उगाने का सुझाव जागृति को दिया. पति और बेटी की मनपसंद सब्जी उगाने के ख्याल ने जागृति के मन में एक नई उम्मीद जगाई और वह इस काम में जुट गईं.
चंदन बताते हैं कि इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल 2019 में जागृति ने स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर 33 लाख रुपये का मशरूम बेचने का कमाल कर दिखा. इस काम से जागृति ने अपने साथ दूसरी महिलाओं को भी मुनाफ़ा कमाने का मौका दिया. अब उन्होंने अपने आस पास के गांव की महिलाओं को भी मशरूम की खेती का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबन की राह दिखाई है. मशरूम की खेती से नई ऊँचाइयाँ प्राप्त करने पर उन्हें “Mushroom Lady of Durg” कहा जाने लगा है. इस बीच उन्होंने अपनी रुचि को बढ़ाते हुए एसएचजी के माध्यम से हर्बल गुलाल और घरेलू वस्तुएं भी बनानी शुरू कर दी हैं.
अब बनी ड्रोन दीदी
जागृति ने बताया कि उन्होंने अपने सफर काे मशरूम की खेती तक ही सीमित नहीं रखा. उन्होंने Govt Schemes का लाभ उठाकर तकनीकी कौशल भी हासिल करने का प्रयास किया. इस कड़ी में जागृति ने एक सामान्य महिला से लेकर लखपति दीदी बनने के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण लिया. इस संकल्प को साधने का माध्यम PM Narendra Modi के नाम से शुरू किया गया Namo App बना.
प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर शुरू हुए नमो ड्रोन दीदी अभियान में चयनित होकर उन्होंने ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण लिया. आज वह Certified Drone Pilot हैं और ‘ड्रोन दीदी’ के नाम से जानी जाती हैं. ड्रोन के माध्यम से वह खेतों में दवाइयों का छिड़काव करती हैं और इस नई तकनीक का लाभ किसानों तक पहुंचाती हैं. इससे किसानों का समय तो बचता ही है, साथ में श्रम और खेती की लागत में भी कमी आई है.
पत्नी की कामयाबी के इस सफर के बारे में चंदन ने बताया कि जागृति शिक्षक तो नहीं बन पाईं, लेकिन आज वह कई महिलाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षक की मिशाल जरूर बन गई हैं. अब वह कई महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, मशरूम की खेती करने एवं घरेलू वस्तुओं के उत्पादन संबंधित तकनीकी एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रही हैं. इससे उनके साथ अन्य महिलाएं भी स्वावलंबन की ओर अग्रसर हो रही हैं.