कुछ समय पहले तक फसलों को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता था, ताकि फसल नष्ट न हो. ऐसे में किसान खुद खेतों में जाकर कीटनाशकों का इस्तेमाल करते थे. जिसका किसानों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता था. इतना ही नहीं आज भी ज्यादातर किसान इसी पद्धति का इस्तेमाल कर खेतों में कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अब तकनीक की मदद से किसानों को इस समस्या से राहत मिल सकती है. आपको बता दें कि किसान अब ड्रोन तकनीक की मदद से आसानी से खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव कर सकते हैं. इतना ही नहीं बिहार सरकार इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ड्रोन खरीद पर सब्सिडी भी दे रही है. आइए जानते हैं क्या है ये योजना.
60% अनुदान देगी सरकार
कृषि क्षेत्र में ड्रोन की उपयोगिता लगातार बढ़ती जा रही है. कृषि ड्रोन से जहां किसान कम समय और कम लागत में दवाओं और उर्वरकों का छिड़काव कर सकते हैं वही इससे उत्पादन में भी वृद्धि होती है. जिसको देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में किसानों को ड्रोन खरीदने के लिये सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. खेतों में कीटनाशक और खाद के छिड़काव के लिए सरकार ड्रोन खरीदने पर 60 प्रतिशत अनुदान देगी. इसके लिए अधिकतम राशि 3.65 लाख रुपये तय की गई है. कृषि विभाग की ओर से राज्य के सभी 101 अनुमंडलों में चयनित लाभार्थी को एक-एक ड्रोन खरीदने के लिये पात्रता संबंधित प्रावधान तय कर दिए गए हैं.
लेना होगा प्रशिक्षण
चयनित लाभार्थी को भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप मान्यता प्राप्त संस्थान डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय से ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट के लिए प्रशिक्षण लेना होगा. प्रशिक्षण पर खर्च होने वाली राशि का भुगतान कृषि विभाग करेगा. ड्रोन खरीदने के लिए लाभार्थी का चयन जिला स्तर पर किया जाएगा. सरकार ने तत्काल अनुदान के लिए 4 करोड़ रुपये भी उपलब्ध कराए हैं. इसमें केंद्र सरकार 60 फीसदी और राज्य सरकार 40 फीसदी राशि वहन करेगी. योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. कृषि विभाग का दावा है कि ड्रोन से कीटनाशक और खाद का छिड़काव करने से 30 से 35 फीसदी फसल की क्षति रुक जाती है.
कौन कर सकता है आवेदन?
योजना के तहत किसानों के अलावा एफपीओ (FPO), कृषि यंत्र बैंक संचालन संगठन, एसएचजी (स्वयं सहायता समूह), एनजीओ (स्वैच्छिक संगठन), लाइसेंसी खाद-बीज विक्रेता दुकानदार के साथ ही निजी कंपनी और निबंधित संस्था भी सब्सिडी पर ड्रोन खरीद के लिए आवेदन कर सकती है. खास बात यह है कि खरीदार को बातचीत कर तय मानक का ड्रोन खरीदने की छूट दी गई है. कृषि विभाग संबंधित ड्रोन बेचने वाली कंपनी या एजेंसी के खाते में सीधे सब्सिडी की राशि का भुगतान करेगा. वहीं ड्रोन बेचने वाली कंपनी को बेचे गए ड्रोन से संबंधित पूरी जानकारी देनी होगी. चयनित लाभुक को डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) से एनओसी भी लेना होगा. साथ ही डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर निबंधन कराना होगा. रेड जोन में ड्रोन उड़ाने पर रोक लगा दी गई है. इसके तहत अगर किसी जिले के अनुमंडल के सभी प्रखंड डीजीसीए की ओर से रेड जोन में चिह्नित किए गए हैं, तो यह अनुदान दूसरे अनुमंडल या जिले को ट्रांसफर कर दिया जाएगा.