मछलीपालन के क्षेत्र में झारखंड काफी आगे बढ़ रहा है. कई नए युवा इसे रोजगार के तौर पर अपना रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं. इन मछली पालकों में राज्य और केंद्र द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है. योजनाओं का लाभ पाकर एक बड़े जलाशय में कई युवा एक साथ मछली पालन कर रहे हैं. इससे कई लोगों को रोजगार मिल रहा है और पलायन में कमी आ रही है. अब मछली पालन के जरिए युवा अपने गांव में ही अच्छी कमाई कर रहे हैं. राज्य के मछली उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं.
झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया प्रखंड के कोदवाटांड़ पंचायत के युवा मछली पालन के जरिए सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं. गोमिया प्रखंड का यह इलाका पहले कभी उग्रवाद प्रभावित था और यहां खेती भी ठीक से नहीं हो पाती थी. क्षेत्र के अधिकांश युवा रोजगार की तलाश में पलायन कर जाते थे. लेकिन उस कमाई से घर का खर्च चलाना मुश्किल था और घर से दूर भी रहना पड़ता था. इसलिए युवाओं ने रोजगार के अन्य विकल्प के बारे में सोचा और मछली पालन का मन बनाया. अपने गांव में ही तेनुघाट डैम उनके लिए पानी का एक बेहतर स्रोत था जहां युवा अच्छा मछली उत्पादन कर सकते थे.
हर दिन दो क्विंटल मछली उत्पादन
इसके बाद यहां के युवाओं ने मिलकर एक सहयोग समिति बनाई जिसका नाम सिदो कान्हू मत्स्यजीवी सहयोग समिति लिमिटेड, कोदवाटांड़ रखा गया. आज इस समिति के साथ 80- 100 लोग जुड़े हुए हैं. सरकारी योजनाओं के जरिए समिति को केज मिला है जिसमें वो मछली पालन करते हैं. उनके पास चार केज और 16 बैटरी है. प्रतिदिन इससे लगभग दो क्विटंल मछली का उत्पादन होता है. यहां पर अधिकांश पंगास प्रजाति की मछलियां पाल जाती हैं. इन मछलियों के स्थानीय बाजारों के अलावा बोकारो, हजारीबाग, रामगढ़ और रांची में बेचा जाता है जिससे उन्हें अच्छी कमाई हो जाती है.
पलायन में आई कमी
समिति के अध्यक्ष बताते हैं कि उनका उत्पादन बढ़ाने की योजना है. इसके बाद मछलियों को वहां से पश्चिम बंगाल के बाजारों में भेजने की योजना है. मछली पालन में मिल रही सफलता से वे काफी खुश हैं और अब काफी संख्या में उनके साथ लोग जुड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले जो लोग रोजगार के अभाव में पलायन करते थे, अब उन्हें यही पर काम मिल रहा है. वो भी मछली पालन से जुड़ रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं. इस तरह से पलायन में बहुत कमी आई है. उन्होंने कहा कि समिति को आर्थिक तौर पर और मजबूत करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही इसका फायदा इससे जुड़े लोगों को मिलेगा.