रायपुर: छत्तीसगढ़ को ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है। यहां के किसान मुख्यरूप से धान की फसल उगाते हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ खनिज अयस्क को लेकर अपार संपदा वाला राज्य माना जाता है। प्रदेश की धरती के अंदर कोयला, बॉक्साइट, सोना और हीरे की एक बड़ी मात्रा है। इसी में एक और जनपद जशपुरा का नाम जुड़ गया है। यहां के तुमला गांव में हीरे का भंडार मिले हैं। बताया जा रहा है कि यहां 25 वर्ग किलोमीटर के दायरे में हीरे के मिलने की पुष्टि हुई है। पूरे क्षेत्र में मौजूद संकेतक खनिजों क्रोमाइट, पाइरोप, इल्मेनाइट व अन्य भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। संकेतक खनिज उच्च ताप व दाब में ही मिलते हैं। हीरा भी उच्च ताप व दाब में मिलता है।
खनन के लिए हाल ही में ई टेंडर जारी किया
दरअसल, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के विकासखंड मैनपुर के बेहराडीह, पायलीखंड में विश्वस्तरीय गुणवत्ता के हीरे पाए जाते हैं। यहां की खदान देश की सबसे बड़ी हीरा खदानों में एक है। गरियाबंद के अलावा महासमुंद, जांजगीर-चांपा में अलग-अलग जगहों पर हीरों के भंडार की मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है। महासमुंद और कांकेर में सोने के छोटे-बड़े भंडार भी मिले हैं। खनिज विभाग ने महासमुंद और कांकेर जिलों के तीन खनिज ब्लाकों में सोने और हीरे के खनन के लिए हाल ही में ई टेंडर जारी किया है।
हीरा खनन के लिए ई-आक्शन जारी
अब जशपुर जिले के तुमला गांव में भी हीरे के भंडार की पुष्टि हुई है। खनिज विभाग के अतिरिक्त संचालक डी महेश बाबू ने बताया कि भौमिकी एवं खनिकर्म संचालनालय छत्तीसगढ़, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसलटेंसी के संयुक्त सर्वे में हीरे का यह ब्लाक खोजा गया है। जल्द ही राज्य भौमिकी एवं खनिकर्म विभाग हीरा खनन के लिए ई-आक्शन जारी करेगा। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर हीरे हैं। जिसको लेकर ग्रामीणा शासन-प्रशासन को पहले भी अवगत करा चुके हैं।
सोने और हीरे होने की संभावना
छत्तीसगढ़ के महासमुंद और कांकेर जिले में भी हीरे के भंडार मिले थे। जिसमें से लगभग 7205 एकड़ में कई बहुमूल्य धातुओं की खोज खनन विभाग की तरफ से की जा रही है। कुछ माह पहले डायरेक्टर ऑफ जियोलॉजी एंड माइनिंग छत्तीसगढ़, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसलटेंसी जेसी सर्वे कंपनी ने इन तीनों ब्लॉकों में सोने और हीरे होने की संभावना जताई थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ खनिज विभाग ने इन खनिज अयस्क के खनन के लिए ईदृटेंडर जारी कर दिया था।
एक लाख करोड़ से ज्यादा की राशि का राजस्व
दरअसल, पूरे विश्व में कीमती खनिज की मांग वक्त के साथ काफी तेजी से बढ़ रही है। इसके बाद लगातार खनिज विभाग रिसर्च के माध्यम से बहुमूल्य धातुओं की खोजबीन में लगा रहता है। छत्तीसगढ़ खनिज विभाग के अधिकारियों की माने तो जो कंपनियां सफल बोली लगाएंगी, सबसे पहले उसे काम दिया जाएगा। जिसमें कंपनी विस्तृत पूर्वेक्षण का कार्य करेगी। जब भंडारण प्रमाणित हो जाएगा, उसके बाद उन्हें खनिज का पट्टा दिया जाएगा। खनिज अधिकारियों का मानना है कि 32 खनिज ब्लॉक से राज्य सरकार को एक लाख करोड़ से ज्यादा की राशि के राजस्व का फायदा होगा।
12,941 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में खनिजों से वर्ष 2022-23 में 12,941 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ है। यह राशि वर्ष 2021-22 की तुलना में 636 करोड़ रुपए अधिक है। वर्ष 2021-22 में कुल खनिज राजस्व 12,305 करोड़ रुपए प्राप्त हुआ था। वर्ष 2017-18 में खनिज राजस्व आय लगभग 4911 करोड़ रुपए थी, जिसकी तुलना में वर्ष 2022-23 में खनिज राजस्व आय ढाई गुना से ज्यादा है।