Thursday, November 21, 2024
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झारखंड में किसानों के लिए खुशखबरी, अब दो लाख रुपये तक का लोन माफ करेगी सरकार

झारखंड सरकार किसानों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों को कर्ज के बोझ से राहत दिलाने के तहत पहले झारखंड में 50 हजार रुपये का लोन माफ किया जा रहा था. अब राज्य सरकार ने इस कर्ज माफी का दायरा बढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के निर्देश पर कर्जमाफी की राशि को बढ़ाकर चार गुणा कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिया है कि झारखंड के किसानों का दो लाख रुपये तक का लोन माफ किया जाएगा इसके लिए नियमावली तैयार की जाए. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब झारखंड में उन किसानों को भी ऋण माफी योजना का लाभ मिलेगा जिन्होंने दो लाख रुपये तक का लोन लिया है.

वर्तमान में कृषि ऋण माफी योजना का लाभ सिर्फ उन किसानों को दिया जा रहा था जिन्होंने 50 हजार रुपये तक का लोन लिया है. पर अब इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये तक करने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कर्ज माफी की इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए जल्द से जल्द कागजी कार्रवाई को पूरा करें. साथ ही कहा कि झारखंड के अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित किया जाए. इसके लिए तत्काल पहल शुरू करें, साथ ही कहा कि वैसे किसानों जिन्होंने समय पर अपना लोन चुकाया है उन्हें ब्याज मुक्त कृषि लोन दिया जाएगा.

जल्द शुरू हो बीज बांटने का काम

झारखंड में खरीफ सीजन में किसानों को धान के बीज के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और सही समय पर नर्सरी तैयार करने के लिए किसानों को बीज मिले इसे लेकर भी मुख्यमंत्री ने तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य के किसानों को जून के आखिरी सप्ताह तक या जुलाई के पहले सप्ताह तक धान बीज का वितरण कर दिया जाना चाहिए. बता दें कि राज्य सरकार किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर धान के उन्नत बीज उपलब्ध कराती है. किसान अपने संबंधित लैंपस या पैक्स में जाकर धान प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें पहले से ही आवेदन देना होता है.

बिरसा हरित ग्राम योजना में लाएं तेजी

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित बिरसा हरित ग्राम योजना में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत लगाए गए पेड़ों की उचित देखभाल की जाए और उनका उचित रख-रखाव भी किया जाना चाहिए. इस योजना का लाभ ग्रामीणों को पहुंचना चाहिए. योजना के तहत फलदार पौधे लगाए जाते हैं. जिसे बेचकर ग्रामीण अपनी आजीविका कमा सकते हैं साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण से लड़ने में इससे मदद मिल सकती है क्योंकि ग्रामीणों के आसानी से खाने के लिए फल उपलब्ध हो जाता है.

Bhumika

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