सफेद बैंगन की खेती मार्च और अप्रैल महीने के शुरूआती सप्ताह में की जाती है, इसके साथ ही देश के कई इलाकों में इसकी खेती दिंसबर के महीने में भी की जाती है. बाजार में यह बैंगन कम ही दिखाई देता है इसलिए इसकी कीमत अच्छी मिलती है. अंडे की तरह दिखाई देनेवाले इस बैंगन की मांग देश के अलावा विदेशों में भी होती है.
बैंगन की खेती अब देश के अलग-अलग हिस्सों में पूरे साल की जाती है. बैंगन देश के हर घर के रसोई में बनाई जाती है इसलिए इसकी मांग भी खूब होती है. यही कारण है कि इसकी खेती करने से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. एक बैंगन सामान्य तौर पर हरे रंग वाली होती है और बैंगनी रंग वाली होती. पर आज इस खबर में हम आपको सफेद बैंगन के बारे में बताएंगे. यह बैंगन की एक अलग औऱ बेहतरी किस्म है. सफेद बैंगन का पूरी तरह सफेद होता हौ और इसके डंठल हरे रंग के होते हैं. सफेद बैंगन की आजकल बाजार में खूब मांग है यह खूब बिक रहा है.
बैंगन की खेती पूरे साल में किसान कभी भी कर सकते हैं. सर्दी,गर्मी और बरसात तीनों ही मौसम में इसकी खेती की जाती है. चूंकि इसका उत्पादन खूब होता है और इसमें लागत कम आती है. साथ ही बैंगन की खेती की खासियत यह होती है कि यह लंबे समय तक फल देती है और लंबे समय तक किसानों को फायदा पहुंचाती है इससे किसानों की कमाई बढ़ती है. सफेद बैंगन की खेती करके आप कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. सफ़ेद बैंगन एक ऐसी सब्जी है जिसे साल भर उगाया जा सकता है.
कमाई का गणित
एक हेक्टेयर जमीन में बैंगन की खेती करने में रोपाई से लेकर पहली बार की तुड़ाई तक में करीब दो लाख रुपये का खर्च आता है. अगर अच्छे तरीके से और अच्छी किस्म के बैंगन की खेती की जाए और इसके साथ ही इसमें सही समय पर सिंचाई की जाए और सही मात्रा में खाद और दवा का छिड़काव किया जाए को एक हेक्टेयर में औसतन एक साल में 100 टन तक बैंगन की पैदावार हासिल की जा सकती है. बाजार में बैंगन औसतन 10 से 15 रुपये प्रति किलो की दर से बिकता है. इस तरह से किसान एक साल में इसकी खेती से 10 से 15 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं. सफेद बैंगन की खेती में भी किसान इसी तरह का मुनाफा कमा सकते हैं.
अंडे की तरह दिखता है बैंगन
सफेद बैंगन की खेती मार्च और अप्रैल महीने के शुरूआती सप्ताह में की जाती है, इसके साथ ही देश के कई इलाकों में इसकी खेती दिंसबर के महीने में भी की जाती है. बाजार में यह बैंगन कम ही दिखाई देता है इसलिए इसकी कीमत अच्छी मिलती है. अंडे की तरह दिखाई देनेवाले इस बैंगन की मांग देश के अलावा विदेशों में भी होती है. सफेद बैंगन की खेती के लिए सबसे पहले नर्सरी तैयार की जाती है. नर्सरी में छोटे पौधें तैयार होते हैं इसके बाद इसके पौधों की रोपाई की जाती है. ये बैंगन सामान्य बैंगन से अधिक पौष्टिक होते हैं.