छत्तीसगढ़ के किसान अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम खरीफ साल 2024 के लिए ये बीमा किया जा रहा है। इस योजना में योजना में धान, उड़द, मूंग, मूंगफली, कोदो, कुटकी, मक्का, अरहर /तुअर, रागी और सोयाबीन को शामिल किया गया है।
इस बीमा योजना से किसानों को मौसम की मार से राहत मिल सकती है। किसानों को सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया गया है।
ये दस्तावेज लगेंगे
किसान अपने जिले के कलेक्टर, पंचायत या फिर कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि याेजना का फायदा लेने के लिए किसानों को अपना आधार कार्ड 31 जुलाई से पहले बैंक अपडेट करवाना होगा। फसल बीमा पोर्टल पर इसके बीना बीमा नहीं दिया जाएगा।
किसानों को आधार कार्ड की फोटो कॉपी, नवीनतम भूमि प्रमाण-पत्र (बी-1, खसरा) की कॉपी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की कॉपी जिस पर अकाउंट, IFSC कोड, बैंक का पता साफ-साफ दिख रहा हो। फसल बुवाई प्रमाण-पत्र, किसान का वैध मोबाइल नंबर और बटाईदार, कास्तकार, साझेदार किसानों के लिए फसल साझा, कास्तकार का घोषणा पत्र लगेगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि
फसल का नाम | बीमा राशि | प्रीमियम |
धान सिंचित | 60 हजार प्रति हेक्टेयर | 1200 रुपए |
असिंचित फसल | 43 हजार प्रति हेक्टेयर | 860 रुपए |
उड़द-मूंग | 22 हजार प्रति हेक्टेयर | 460 रुपए |
मूंगफली | 42 हजार प्रति हेक्टेयर | 840 रुपए |
कोदो | 16 हजार प्रति हेक्टेयर | 320 रुपए |
कुटकी | 36 हजार प्रति हेक्टेयर | 720 रुपए |
अरहर | 15 हजार प्रति हेक्टेयर | 700 रुपए |
रागी | 15 हजार प्रति हेक्टेयर | 300 रुपए |
सोयाबीन | 41 हजार प्रति हेक्टेयर | 820 रुपए |
सरकार दे रही खाद बीज
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर प्रदेश के किसानों को उनकी मांग के अनुसार खाद-बीज दिया जा रहा है। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने अफसरों को इस पर निगरानी रखने को कहा है। प्रदेश के किसानों को अब तक 8 लाख 61 हजार मीट्रिक टन खाद और 7 लाख 85 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज दिया जा चुका है।
48 लाख 63 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बोनी का लक्ष्य
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में मानसून की बौछारों के साथ शुरू हुए खेती-किसानी में बोनी का रकबा भी निरंतर बढ़ते जा रहा है। राज्य में अब तक 23.02 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ सीजन में 48 लाख 63 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य रखा गया है।