हाइड्रोजेल: पानी का संकट दूर करेगा यह चमत्कारी पदार्थ
भारत में जल संकट
पिछले दो दशकों से बारिश लगातार कम हो रही है, परिणाम स्वरुप महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, बिहार, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाक, मध्यप्रदेश औऱ तेलंगाना डार्क जोन की श्रेणी में आ गए है
कैसे दूर होगा पानी का संकट
हाइड्रोजेल के इस्तेमाल से बारिश के पानी को खेतों में संग्रहित करके रखा जा सकता है, बारिश नहीं होने की स्थिति में इससे निकलने वाला पानी फसलों की सिंचाई में काम आता है |
क्या है हाइड्रोजेल
हाइड्रोजेल एक पॉलिमर है जिसमें पानी को सोखने की अकूत क्षमता है, यह बायोडिग्रेडेबल होता है औऱ इस कारण इससे प्रदूषण का खतरा भी नहीं रहता है
कैसे करता है काम
हाइड्रोजेल के कण बारिश के दौरान या सिंचाई के समय खेत में जाने वाले पानी को सोख लेते हैं, जब बारिश नहीं होती है तब इनसे पानी रिसता है औऱ फसलों को पानी मिल जाता है..
एक एकड़ जमीन में कितना हाइड्रोजेल चाहिए
हाइड्रोजेल 40 से 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी खराब नहीं होता है, एक एकड़ खेत में 1 से 2 किलोग्राम हाइड्रोजेल पर्य़ाप्त होता है, इससे उर्वरा शक्ति को भी नुकसान नहीं पहुंचता है
हाइड्रोजेल की लाइफ
एक बार मिट्टी के साथ इस्तेमाल के बाद हाइड्रोजेल की लाइफ 2 से 5 साल तक होती है, समय के साथ यह मिट्टी के साथ यह मिट्टी में मिल जाती है, मिट्टी प्रदूषित नहीं होती है...